कुंवर सचदेव की कहानी उन कहानियों में से एक है जो आपको यह विश्वास दिलाती है कि सपने किसी भी परिस्थिति में पूरे हो सकते हैं। आज “इन्वर्टर मैन ऑफ इंडिया” के नाम से मशहूर, सचदेव की यात्रा एक साधारण सी शुरुआत से एक असाधारण मुकाम तक पहुंचने की कहानी है।
तंगहाली भरा बचपन:
कुंवर सचदेव का जन्म एक ऐसे परिवार में हुआ था जहाँ आर्थिक रूप से चीजें आसान नहीं थीं। उनके पिता रेलवे में काम करते थे, लेकिन उनकी तनख्वाह इतनी नहीं थी कि तीन बेटों का पालन-पोषण अच्छे से हो पाता। अपनी पढ़ाई का खर्च निकालने के लिए, कुंवर को बचपन में ही घर-घर जाकर पेन बेचने का काम करना पड़ा। डॉक्टर बनने का सपना उनके दिल में था, मगर मेडिकल प्रवेश परीक्षा में असफल होने के बाद उन्हें इस सपने को ताक पर रखना पड़ा।
करियर:
स्नातक स्तर की पढ़ाई पूरी करने के बाद, सचदेव ने कुछ समय के लिए वकील के रूप में काम किया।
1988 में, उन्होंने एक केबल टीवी कंपनी शुरू की।
1998 में, उन्होंने Su-Kam Power Systems की स्थापना की, जो इनवर्टर और अन्य बिजली समाधानों का निर्माण करती है।
सचदेव ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है और Su-Kam को भारत की अग्रणी सौर ऊर्जा कंपनियों में से एक बनाया है।
हौसलों को उड़ान देने वाला संघर्ष:
हालांकि परिस्थितियां कठिन थीं, मगर कुंवर सचदेव ने हार नहीं मानी। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री हासिल की। स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद, उन्होंने थोड़े समय के लिए वकालत का पेशा भी अपनाया। मगर उनकी असली रूचि कहीं और थी। 1988 में, उन्होंने एक केबल टीवी कंपनी शुरू करके व्यापार जगत में कदम रखा। यह उनके व्यावसायिक सूझ-बूझ की पहली झलक थी।
इन्वर्टर क्रांति के जनक:
साल 1998, कुंवर सचदेव के जीवन और भारत के बिजली क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मोड़ लेकर आया। उन्होंने Su-Kam Power Systems की स्थापना की। यह कंपनी इनवर्टर और अन्य बिजली समाधानों के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करती थी। उस समय भारत में बिजली कटौती एक आम समस्या थी। अपने इनवर्टर के जरिए, सचदेव ने आम आदमी के जीवन में एक क्रांति ला दी। बिजली कटौती की समस्या से निजात दिलाने वाले इनवर्टर की वजह से उन्हें “इन्वर्टर मैन ऑफ इंडिया” की उपाधि मिली।
सफलता का शिखर और परे:
कुंवर सचदेव की महत्वाकांक्षा सिर्फ इनवर्टर तक सीमित नहीं थी। उन्होंने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी प्रवेश किया और Su-Kam को भारत की अग्रणी सौर ऊर्जा कंपनियों में से एक बनाया। आज Su-Kam Power Systems भारत सहित दुनिया भर के 90 से अधिक देशों में काम कर रही है।
कुंवर सचदेव की कहानी सिर्फ व्यावसायिक सफलता की कहानी नहीं है। यह कठिन परिस्थितियों में भी हार ना मानने और दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा भी है। वे कई पुरस्कारों और सम्मानों से सम्मानित हो चुके हैं, जिनमें भारत का चौथा सर्वोच्च नागरिक सम्मान, पद्मश्री भी शामिल है। वे युवाओं को शिक्षा और कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं और सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। कुंवर सचदेव एक सच्चे उद्यमी हैं, जिन्होंने जमीन से आसमान तक का सफर तय किया है और दूसरों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनें हैं ।
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