भारतीय व्यंजनों की दुनिया अपने आप में एक अनूठा स्वाद और विविधता समेटे हुए है। दुनियाभर में कहीं भी जाएं, भारतीय खाने का स्वाद और मेहमाननवाजी का अंदाज कुछ अलग ही होता है। जब हम भारतीय खाने की बात करते हैं, तो मुगलों का जिक्र किए बिना इसे पूरा नहीं कर सकते। मुगलों का भारत आना सिर्फ राजनीतिक और सांस्कृतिक बदलाव ही नहीं, बल्कि भारतीय रसोई में भी एक बड़ा बदलाव लेकर आया। उन्होंने मध्य एशिया और पर्शिया से अनेक व्यंजन और पाक कला की विधियां भारत में लाईं, जो आज भी भारतीय भोजन का एक अभिन्न हिस्सा बने हुए हैं। आइए जानते हैं मुगलों द्वारा भारत लाई गई ऐसी 8 खाने-पीने की चीजों के बारे में, जिन्हें आज भी हम बड़े चाव से खाते हैं।
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1) बिरयानी
बिरयानी का नाम सुनते ही मुंह में पानी आना स्वाभाविक है। यह मसालेदार चावल का व्यंजन, जिसमें मीट, सब्जियां या सी फूड शामिल होते हैं, मुगलों की ही देन है। बिरयानी की विधि को मुगलों ने भारत में लाया और आज यह देशभर में अलग-अलग स्वादों में बनाई और खाई जाती है। चाहे हैदराबादी बिरयानी हो या लखनवी बिरयानी, इस व्यंजन का जादू हर जगह सर चढ़कर बोलता है।
2) कबाब
कबाब भारतीय खाने का एक और बेहतरीन उदाहरण है, जो मुगलों की विरासत मानी जाती है। छोटे-छोटे मीट के टुकड़ों को धागे में पिरोकर ग्रिल पर पकाने की इस विधि को मुगलों ने भारत में लोकप्रिय बनाया। शिकमपुर कबाब, सीख कबाब, और रेशमी कबाब जैसी कई रेसिपीज आज भी भारतीय रसोई में खास स्थान रखती हैं। ये कबाब मसालों और मीट की जादुई संगम से तैयार होते हैं और हर खास मौके पर इनका स्वाद लिया जाता है।
3) करी
मुगलों के साथ भारत में करी बनाने की कला का भी आगमन हुआ। करी, जिसमें मसालों को मिलाकर गाढ़ी सॉस बनाई जाती है, भारतीय खाने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। मुगल शासकों ने ही करी की विधि को भारतीय रसोई में शामिल किया, जो आज चिकन करी, अंडा करी, और कई शाकाहारी व्यंजनों के रूप में प्रचलित है। देश के विभिन्न हिस्सों में करी का स्वाद और बनाने की विधि भी अलग-अलग होती है, जो इस व्यंजन की विविधता को दर्शाती है।
4) रोटी
रोटी भारतीय भोजन का एक अविभाज्य हिस्सा है, जिसके बिना खाने की थाली अधूरी मानी जाती है। गोल और चपटी इस ब्रेड को बनाने की विधि भी मुगलों ने भारत में शुरू की थी। तवे पर पकाई गई रोटी, जिसे अक्सर सब्जी या दाल के साथ खाया जाता है, आज हर भारतीय घर की रसोई का अभिन्न हिस्सा है।
5) शरबत
गर्मियों में ठंडा-ठंडा शरबत पीने का मजा ही कुछ और है। मुगलों ने शरबत बनाने की विधियां भी भारत में लोकप्रिय कीं। फलों के रस, चीनी, और पानी के मिश्रण से बना यह पेय आज भी भारतीय खानपान में अपनी खास जगह बनाए हुए है। गुलाब, केसर, और अन्य फ्लेवर्स का इस्तेमाल करके बनाए गए शरबत आज भी बड़े चाव से पीए जाते हैं।
6) आइसक्रीम
आइसक्रीम, जो बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी की पसंदीदा मिठाई है, मुगलों की देन है। दूध, चीनी, और विभिन्न फ्लेवर्स से बनी आइसक्रीम को भारत में लाने का श्रेय भी मुगलों को ही जाता है। आज यह एक प्रसिद्ध डेजर्ट है, जिसे कई तरह के स्वादों में तैयार किया जाता है और यह हर उम्र के लोगों की पसंदीदा मिठाई बनी हुई है।
7) पान
पान खाना भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा है, और इसकी परंपरा को भी मुगलों ने भारत में लोकप्रिय किया। ताड़ी के पत्ते में चूना, सुपारी, कत्था, और मसालों के मिश्रण को लपेटकर बनाया गया पान, आज भी विभिन्न अवसरों पर खाया जाता है। खासकर उत्तर भारत में, पान की विशेष पहचान है और यह भारतीय भोजन के बाद परोसे जाने वाली एक खास चीज है।
8) गुलाब जामुन
गुलाब जामुन, भारतीय मिठाइयों का राजा, मुगलों की देन है। दूध को फाड़कर बनाए गए खोये से तैयार किए गए इन गोलों को देसी घी में तलकर चीनी की चाशनी में डुबोया जाता है। यह मिठाई हर छोटे-बड़े मौके पर मिठास घोलने का काम करती है। मुगल शासकों ने इस मिठाई को भारत में लाया और आज यह हर घर की मिठाई की थाली का हिस्सा बन चुकी है।
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मुगल काल ने भारतीय खानपान में जो बदलाव किए, वे आज भी हमारी संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ये व्यंजन न केवल हमारी थाली को स्वादिष्ट बनाते हैं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर का भी हिस्सा हैं।