भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने हाल ही में एक ऐसा फैसला लिया है जिसने देशभर में चर्चा छेड़ दी है. FSSAI ने मानव दूध के व्यापार पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. इसका मतलब है कि अब माँ का दूध बेचना या खरीदना गैरकानूनी माना जाएगा. ये फैसला ऐसे समय में आया है जब सोशल मीडिया पर मानव दूध बेचने के विज्ञापनों की भरमार हो गई थी. कई लोग माँ के दूध को दवा की तरह बेच रहे थे, जिसने FSSAI को सख्त कदम उठाने के लिए मजबूर कर दिया.
FSSAI मानव दूध के व्यापार को गैरकानूनी क्यों मानता है?
FSSAI के मुताबिक, मानव दूध का व्यापार कई कारणों से खतरनाक है. सबसे पहली बात तो ये कि दूध दूषित हो सकता है. दूध निकालने, स्टोर करने और ट्रांसपोर्ट करने के दौरान दूषित होने का खतरा काफी रहता है. दूषित दूध से शिशुओं को कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं.
इसके अलावा, FSSAI को ये भी चिंता है कि दूध बेचने के चक्कर में माताएं अपनी सेहत का ख्याल न रखें. दूध दान करने से माँ को कोई आर्थिक लाभ नहीं होता, इसलिए वो अपने खानपान और सेहत का ज्यादा ध्यान रखती हैं. लेकिन दूध बेचने से आर्थिक लाभ का लालच पैदा हो सकता है, जिससे माँओं की सेहत पर असर पड़ सकता है.
FSSAI का आदेश क्या है?
FSSAI ने साफ शब्दों में कहा है कि माँ का दूध बेचना खाद्य सुरक्षा नियमों का उल्लंघन है. जो लोग ऐसा करते हुए पकड़े जाएंगे, उन पर जुर्माना लगाया जा सकता है. यहाँ तक कि उनका लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है. FSSAI ने आम जनता से भी अपील की है कि वे मानव दूध न तो खरीदें और न ही बेचें.
क्या अतिरिक्त दूध दान करना संभव है?
ऐसी माँओं के लिए जिन्हें दूध दान करना है, FSSAI ने राहत की खबर भी दी है. माँ का दूध बेचना भले ही गैरकानूनी हो, लेकिन इसे दान में दिया जा सकता है. इसके लिए माँएं दूध बैंकों से संपर्क कर सकती हैं. दूध बैंक विशेष रूप से कमजोर या बीमार शिशुओं के लिए माँ का दूध इकट्ठा करते हैं. दान किया गया दूध बैंक में जांच-परख से गुजरता है और फिर जरूरतमंद शिशुओं तक पहुंचाया जाता है.
अंत में कुछ विचारणीय बातें
FSSAI का ये फैसला विवादों से भी घिरा हुआ है. कुछ लोगों का मानना है कि ये फैसला सही है क्योंकि ये शिशुओं के स्वास्थ्य की रक्षा करता है. वहीं, कुछ लोगों का ये भी कहना है कि इससे जरूरतमंद शिशुओं तक दूध पहुंचने में दिक्कतें आ सकती हैं. हालांकि, ये फैसला सिर्फ भारत में लागू होता है. हो सकता है कि दूसरे देशों में मानव दूध बेचने के अलग नियम हों. इस पूरे मुद्दे पर आपकी क्या राय है? क्या आपको लगता है FSSAI का फैसला सही है? क्या दूध दान करने को बढ़ावा देने के और तरीके अपनाए जा सकते हैं? हमें कमेंट सेक्शन में अपने विचार जरूर बताएं.