सावन का पावन महीना: भगवान शिव की कृपा प्राप्ति का मार्ग, धन सुख-समृद्धि के रास्ते खोलते हैं भगवान शिव

सावन का महीना हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह कालखंड भगवान शिव की आराधना के लिए समर्पित होता है।

जलार्पण सावन के महीने की प्रमुख विशेषता है। भक्तगण निष्ठा पूर्वक शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं। माना जाता है कि जल चढ़ाने से मन शांत होता है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

जल के साथ-साथ दूध , दही , शहद , घी आदि का भी प्रयोग किया जाता है । इन पदार्थों को पंचामृत कहा जाता है और इसे भगवान शिव को अत्यंत प्रिय माना जाता है ।

सोमवार का व्रत सावन के महीने में विशेष महत्व रखता है । इस दिन भक्तगण निराहार या फलाहार रहकर भगवान शिव की पूजा करते हैं । दिन भर भक्ति में लीन रहने के साथ -साथ , शिव चालीसा का पाठ , 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप , और भगवान शिव की कथाओं का श्रवण किया जाता है । 

दान का भी सावन महीने में विशेष महत्व है। गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता करना , भोजन , वस्त्र आदि का दान करना पुण्य का काम माना जाता है । 

सात्विक आहार का सेवन , ब्रह्मचर्य का पालन , धैर्य और क्षमा जैसे गुणों को अपनाना भी भगवान शिव की कृपा प्राप्ति के उपाय हैं । 

सावन का महीना भक्तों को भगवान शिव के निकट लाने का अवसर प्रदान करता है । इस दौरान की गई साधनाएं और पूजा- अर्चना जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में सहायक होती हैं ।

इस पवित्र महीने में भगवान शिव की कृपा पाने के लिए , मन से विश्वास और श्रद्धा रखकर उनकी आराधना करें ।

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